Details, Fiction and shiv chalisa in hindi

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

लिङ्गाष्टकम्

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

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धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

सांचों Shiv chaisa थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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